असफलता से डरना नहीं चाहिए Challenge मानकर सामना करे.
June 30, 2021
असफलता से डरना नहीं चाहिए Challenge मानकर सामना करे
सभी के जीवन में एक समय आता है जब बार-बार असफलता देखने को मिलती है तो असफल होने से डर लगने लगता किन्तु हमे डरना नहीं चाहिए failure को चुनौती मानकर उनका सामना करना चाहिए, इस आर्टिकल में आपके साथ बात करेंगे कैसे करे असफलता का सामना.
अक्सर लोगों की जिंदगी में पल आता है जब वह सोचता है कि मुझे हर समय असफलता ही क्यों मिलती है, दोस्तों अगर आप इतिहास में जाएं तो आपको ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे जो अपने जीवन में कई बार फेल हुए हैं.
लेकिन अंत में उन्हें सफलता जरूर मिली है जब हम बहुत सारे काम करते हैं तो जरूरी नहीं कि हमें हर काम में सफल हों, लेकिन आपको प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अगर आप प्रयास करना छोड़ देंगे तो निश्चित रूप से असफल ही हो जाएंगे.
हेनरी फोर्ड Henry Ford
जो बिलियनेर थे और आज वह फोर्ड कंपनी के मालिक हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह सफल होने से पहले अपने जीवन में पांच अन्य बिजनेस में असफल हुए थे हो सकता है कि उनकी जगह कोई और होता तो वह कर्ज में डूबने और लगातार फेल होने के कारण हताश हो जाता, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास करते रहे.थॉमस अल्वा ऐडिसन Thomas Alva Edison
विफलता कि बात हो और थॉमस अल्वा ऐडिसन का नाम ना लिया जाए तो काफी हैरानी होगी ये तो सभी जानते हैं कि उन्होंने बल्ब का अविष्कार किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि बल्ब का अविष्कार करने से पहले 1000 बार विफल हुए थे.अल्बर्ट आइंस्टाइन Albert Einstein
जो कि 4 साल की उम्र तक कुछ भी बोल नहीं पाते थे और लोग उन्हें दिमागी रूप से कमजोर मानते थे, लेकिन अंत में उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए अपनी थ्योरी और सिद्धांतों के दम पर दुनिया के सबसे बड़े साइंटिस्ट बने।अब जरा सोचिए अगर फोर्ट पांच बार असफल होने के बाद निराश हो जाते और प्रयास करना छोड़ देते, एडिसन 999 असफल प्रयोग करने के बाद फिर से कोशिश नहीं करते और आइंस्टाइन भी लोगों के कहने पर खुद को दिमागी रूप से कमजोर मान लेते तो क्या वह वो कर पाते जो उन्होंने करके दिखाया.
तो दोस्तों कुछ भी करने से पहले अगर आप ये सोच रहे हैं कि पहली बार में ही आपको सफलता मिल जाएगी तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला आज सभी लोग अपने भाग्य को कोसते हैं और कहते हैं कि छोड़ो यार यह हमारी किस्मत में ही नहीं है.
लेकिन अगर ऐसा ही आइंस्टाइन, एडिसन और फोर्ड ने भी सोचा होता, तो क्या वे ऐसा कर पाते… बिल्कुल भी नहीं।
इसलिए सफलता का सिर्फ एक ही मंत्र है कि आप असफलता से घबराएं नहीं और लगातार प्रयास करते रहें किसी ने क्या खू कहा है, ”सोच को बदलो सितारे बदल जाएंगे, नजर को बदलो नजारे बदल जाएंगे, जरूरत नहीं है किश्ती बदलने की दिशाओं को बदलो किनारे बदल जाएंगे”.
अर्थात अगर आपको किसी काम में बार-बार असफलता मिल रही है तो जरूरी नहीं है कि आप अपने उस काम को ही छोड़ने का फैसला कर लें, बल्कि आपको अपनी सोच को बदलना होगा, अपने तरीके को बदलना होगा.
कभी- कभी हम जब सफलता की राह पर अग्रसर होते हैं तो कुछ नकारात्मक बातें हमारे सामने आतीं हैं, अगर हम उन बातों पर ध्यान न देकर सिर्फ अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हैं तो हमें सफलता जरूर मिलती है.
ये भी सच्चाई है कि जब आप सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगते हैं तो कई लोग आपको आपके लक्ष्यों से भटका सकते हैं, आपको गुमराह करने की सोच सकते हैं आपको उस समय सावधान रहने की जरूरत होती है.
अगर कोई आपको और आपके बर्ताव को पसंद नहीं करता तो यह समझ लें की वह व्यक्ति आपसे जलता है कोशिश करिए कि आप ऐसे लोगों से दूरी बनाएं यह भी संभव है कि कई लोग आपकी आलोचना करें लेकिन आपको उन पर ध्यान ना देते हुए आपको अपने लक्ष्य की ओर ध्यान देना चाहिए.
अगर आपने इन लोगो की बातों पर अमल करते हैं तो, समझ लें की आपको सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता तो आज के लिए बस इतना ही हम एक बार फिर से आपसे रूबरू होंगे एक नए विषय के साथ. धन्यवाद!